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जिले में क्यों हो रही है बेमौसम बारिश? आसान भाषा में समझिए पश्चिमी विक्षोभ या Western Disturbance का कांसेप्ट!

मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पश्चिमी विक्षोभ या Western Disturbance की वजह से शीतलहर के बीच अचानक से बारिश शुरू हो गई है। नीचे आसान भाषा में समझिए इस मौसम में हुए बदलाव का रहस्य

Aurangabad Now Desk

Aurangabad Now Desk

औरंगाबाद, Dec 30, 2021 (अपडेटेड Dec 31, 2021 7:38 PM बजे)

पिछले 3 दिनों से जिले में मौसम का हाल बेहाल है। लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश के कारण जन जीवन तो अस्त व्यस्त हो ही गया है साथ ही साथ तापमान में भी गिरावट आई है। आज भी दिनभर मौसम डिस्टर्ब था और कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी हुई है। मौसम पूर्वानुमान की मानें तो कल से धूप निकल सकता है लेकिन 3 जनवरी तक शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा।

शीतलहर के बीच अचानक से कैसे होने लगी बारिश?

23 दिसंबर को मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने अपने मौसम बुलेटिन में बिहार में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की जानकारी दी थी और ये भी अलर्ट दिया था कि इसकी वजह से बिहार में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। पूर्वानुमान के मुताबिक ही बिहार में 28 दिसंबर से बारिश हो रही है।


क्या है पश्चिमी विक्षोभ या Western Disturbance?

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पश्चिमी अर्थात् पश्चिम से आने वाली और विक्षोभ का मतलब तूफान या मौसम में डिस्टरबेंस। अतः पश्चिमी विक्षोभ एक प्रकार का तूफानी वर्षा है जो कि भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भागों में सर्दियों के मौसम में घटित होती हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की अगर बात करें तो इसमें पाकिस्तान का उत्तरी भाग, हमारे भारत का उत्तरी-मध्य भाग, नेपाल और भूटान का कुछ भाग।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दियों के मौसम में बरसात होती है जो मैदानी इलाकों में जल वृष्टि (Rainfall) के रूप में और पहाड़ी इलाकों में स्नोफॉल या बर्फबारी के रूप में हुआ करती है। पहाड़ी इलाकों में होने वाली बर्फबारी के कारण ही निचले मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रभाव देखने को मिलता है।

कैसे बनता है पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टरबेंस?

हम जानते हैं कि हवा हमेशा उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर बहा करती है। जहां पर उच्च तापमान होता है वहां पर निम्न वायुदाब होता है और जहां निम्न तापमान होता है वहां पर उच्च वायुदाब पाया जाता है। सर्दियों में हमारे यहां (भारत में) पर तापमान कम होता है। उत्तर भारत में विशेष रूप से यह कम हो जाता है लेकिन यदि हम अपने देश की तापमान की तुलना यूरोप के भूमध्य सागर, काला सागर, कैस्पियन सागर आदि से करें तो वहां का तापमान भारत की तुलना में कहीं अधिक निम्न हो जाता है। अर्थात वहां पर भारत की तुलना में अधिक ठंड हुआ करती है।

तापमान के इस तुलनात्मक अंतर (Relative Difference of Temperature) के कारण यूरोप के मुकाबले भारत में निम्न वायु दाब का क्षेत्र पाया जाता है और इसलिए पश्चिम से भारत की ओर हवाएं चलना शुरू हो जाती हैं। ये हवाएं अपने साथ भूमध्य सागर, काला सागर और कैस्पियन सागर से पर्याप्त मात्रा में नमी लेकर आती हैं।

इसके साथ साथ जेट स्ट्रीम जो पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर उत्तरी और दक्षिणी दोनो गोलार्ध में चला करतीं हैं, वो भी इन हवाओं को अपने साथ लेकर भारत की ओर आती हैं। जेट स्ट्रीम सतह से 6-12 किलोमीटर की ऊंचाई पर बहने वाली एक सर्पिलाकार-नलिकाकार हवा है जिसकी गति काफी तीव्र होती है। इस तीव्र गति के कारण इनके आसपास एक निम्न दाब क्षेत्र उत्पन्न होता है जो नमी को अपने साथ खींच कर पूर्व की ओर ले आती हैं।

इन्हीं नम हवाओं के द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा और बर्फबारी होती है जिन्हे पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है।

क्या पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बारिश नुकसानदेह है?

ऐसा नहीं है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई असमय बारिश सिर्फ नुकसान ही पहुंचाती है। भारत में इसके कई फायदे देखे जाते हैं -

  • ये विक्षोभ चक्रवातीय वर्षा लाते हैं जो भारत के शीतकालीन फसलों यथा गेहूँ, दलहन, तिलहन आदि के लिये लाभकारी होता है।
  • ये हिमालय के ऊपरी क्षेत्र में हिमपात हेतु उत्तरदायी हैं जो भारत के सदाबहार नदियों की सततता एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है।
  • यह पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी भारत में रबी फसल की उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक है।
  • यह शीतकाल में वर्षा लाकर भौम जल (Ground Water Table) स्तर को ऊपर लाने एवं जल संचयन को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रवासी पक्षियों के लिये अनुकूल दशा प्रदान करता है।
  • यह संपूर्ण पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी की उत्पादकता पोषण स्तर में वृद्धि लाता है।

औरंगाबाद में अभी 30 दिसंबर से 3 जनवरी तक रहेगा शीतलहर

औरंगाबाद जिला में 30 दिसम्बर तक हल्के से मध्यम बारिश होने की संभावना है एवं इस दौरान आसमान में घने बादल छाए रहेंगे। दिनांक 28 दिसम्बर से ही जिले में बारिश हो रही है। 30 दिसम्बर 2021 को मदनपुर, रफीगंज, हसपुरा, दाउदनगर, गोह आदि प्रखंड में बारिश का असर ज्यादा रहेगा एवं बाकि जगह कम असर रहेगा।

दिनांक 30, 31 दिसम्बर 2021 और 1 से 3 जनवरी 2022 को अधिकतम तापमान (22°, 19°, 21°, 21.5°, 21.5°)  और न्यूनतम तापमान (9.5°, 8°, 9.5°, 9, 8°) सेल्सियस रहने की संभावना है। 31 दिसम्बर से 2 जनवरी को आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे तथा 3 जनवरी से आसमान साफ रहने की सम्भावना है।

कृषि विज्ञान केंद्र, सिरिस द्वारा किसान भाइयो के लिए सुझाव

  1. किसान भाइयो को सलाह दी जाती है कि गेंहू की फसल जो सी.आर.आई. अवस्था (बुआई के 21-25 दिन) कि हो मौसम साफ होने के बाद यूरिया का उपरिवेशन करें।
  2. मौसम साफ होने के बाद धान की फसल की कटाई हो गई हो और थ्रेसिंग नहीं किए हों तो वो अपने फसलों को धूप निकलने के बाद सूखा कर थ्रेसिंग करें।
  3. बारिश दलहनी फसलों के लिए लाभदायक है लेकिन दलहन फसल में उर्वरक के उपरिवेशन करने के पहले कृषि वैज्ञानिक या कृषि विभाग से संपर्क करने के बाद ही उपरिवेशन करे।   
  4. मौसम साफ होने पर आलू के खेत में युरिया का उपरिवेशन करके मिटटी चढ़ाने का कार्य करें। 
  5. मौसम साफ होने पर ही दवा खरपतवारनाशी, कीटनाशी, फफूंदनाशी अदि का छिड़काव  करना चाहिए।

पोल

पटना में रडार गन लगाकर सड़क हादसे रोकने की मुहिम शुरू की गई है, इस पर आपकी क्या राय है?

सिर्फ चालान काटने से हादसे नहीं रुकेंगे
लोगों को जागरूक करना ज्यादा जरूरी है
अच्छा है, कम से कम शुरुआत तो हुई

Source: Aurangabad Now

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