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PM मोदी ने की तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने की घोषणा, अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में और क्या कहा क्लिक करके पढिये

Aurangabad Now Desk

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नई दिल्ली, Nov 19, 2021 (अपडेटेड Nov 19, 2021 6:18 PM बजे)

देश में लंबे अर्से से चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। बता दें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर इसका ऐलान किया।

आपको बता दें ठीक एक साल पहले 17 सितंबर 2020 ये वो तारीख थी जब संसद में खेती से जुड़े तीनों कानून पास हो गए थे। ये वही कानून हैं जिनके विरोध में पिछले साल नवंबर से शुरू हुआ किसानो किसानों का आंदोलन अब तक जारी था।


PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

  • आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
  • देश हित को ध्यान में रखते हुए वापिस ले रहे हैं कृषि कानून।
  • हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए
  • आंदोलन कर रहे किसानों से अपील- घर लौटें और जुट जाएं खेती में।
  • हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आईथी।

क्या थे वो तीन नए कृषि कानून?

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 (The Farmers’ Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act, 2020)

इसमें सरकार कह रही थी कि वह किसानों की उपज को बेचने के लिए विकल्प को बढ़ाना चाहती है। किसान इस कानून के जरिये अब एपीएमसी मंडियों के बाहर भी अपनी उपज को ऊंचे दामों पर बेच पाएंगे और निजी खरीदारों से बेहतर दाम प्राप्त कर पाएंगे। एपीएमसी से बाहर भी बेच पाने की अधिकार की वजह से किसानों को बिचौलियों (Middle Man) के कमीशन और मंडी टैक्स से मुक्ति मिल जाएगी जो कि पुराने सिस्टम में संभव नहीं था।

कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020 (The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Act, 2020)

इस कानून के संदर्भ में सरकार का कहना था कि वह किसानों और निजी कंपनियों के बीच में समझौते वाली खेती का रास्ता खोल रही है। इसे सामान्य भाषा में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कहते है।

आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020 (The Essential Commodities (Amendment) Act, 2020)

इसमें अनाज, तिलहन, दलहन आदि के भंडारण सीमा को खत्म कर दिया गया था। सरकार का तर्क यह था कि इससे नए गोदाम और कोल्ड स्टोरेज चेन की संख्या तेजी से बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र में भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा ।

Source: Aurangabad Now

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