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सिटीजन रिपोर्टर
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वासंतिक नवरात्रि के बीच औरंगाबाद जिले के रफीगंज के कासमा थाना क्षेत्र के चिरैला गांव से एक बेचैन कर देने वाली दुःखद घटना सामने आती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रेम में असफल होने के कारण एक किशोरी और उसकी पांच सहेलियों ने एक साथ जहर खा लेती हैं। जहर खाने से अब तक तीन किशोरी की तो मौत हो चुकी है जबकि इलाज होने पर तीन की जान बच गई है।
बताया जाता है कि एक सहेली को उसका प्रेम हासिल कराने में उसकी पांच सहेलियां लगी हुई थी। पांचों मिलकर दोनों को एक कराने में जी जान से लगी थी लेकिन जब उसकी सहेली को उसका प्यार हासिल नही हुआ तो आहत सहेली ने ज'हर खाने का फैसला लिया। इस फैसले में उसका साथ पांचों सहेलियों ने भी दिया और सब ने एक साथ ज'हर खा ली। इनमे तीन की तो जीवन लीला समाप्त हो गयी जबकि इलाज से तीन की जान बच गयी। दो का गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल और एक का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। ताज़ा अपडेट के अनुसार तीनों की हालत स्थिर है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत किशोरी ने बताया कि उसकी सहेली का प्रेम अपनी भाभी के भाई (भाई का साला) से पिछले एक माह से चल रहा था। दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें खाई थी। बताया कि सहेली के प्यार को परवान चढ़ाने के लिए पांच अन्य सहेलियां भी सहयोग कर रही थी। इसे लेकर ही सहेली के साथ पांचों सहेलियां सहेली के प्रेमी से मिलने गई। इस दौरान सबने मिलकर प्रेमी पर शादी का दबाव भी बनाया लेकिन प्रेमी ने एक झटके में यह कहकर कहानी का दी एंड कर दिया कि वह किसी और से प्यार करता है और शादी नही कर सकता।
प्रेमी के इंकार के बाद सहेली को गहरा सदमा लगा और उसने अपनी जान देने की बात तक कह डाली लेकिन प्रेमी का हृदय नही पिघला। उसने यहां तक कह दिया कि जान दे दो। उसे इसकी कोई परवाह नही है।
फिर क्या था सभी सहेलियां अपने गांव वापसी के लिए चल दी। रास्ते में प्रेमिका सहेली ने एक पत्ता ज'हर (पब्लिक मंच पर ज'हर की गोली का नाम नहीं बता सकते हैं) की गोली खरीदी और अपनी दोस्ती की मिसाल देते हुए कहा कि जब हम साथ जी रहे है, तो साथ ही मरेंगे। वैसे भी घर वाले बोलेंगे ही। फिर क्या था सभी सहेलियों ने एक एक कर पत्ते से ज'हर की गोली निकाली और खा ली।
इसके बाद तीन की मौत हो गयी जबकि तीन इलाज होने से जीवित बच गई।
अलग अलग चल रही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रेम में असफल सहेलियों की लीडर किशोरी ने बाकी सहेलियों के द्वारा ज'हर खाने से मना करने पर उसके मरने के बाद भूत बनकर उन्हें तंग करने की बात कही। कम उम्र की उसकी सहेलियां अंधविश्वास में पड़कर उसकी बात को सच मान बैठी और फिर साथ में मरने का फैसला लिया। इस बात में अब कितनी सच्चाई है औरंगाबाद नाउ इसकी पुष्टि नहीं करता है।
इस मामले में प्रशासन से भी सवाल जवाब होना चाहिए। आपको बता दें कि छह सहेलियों ने आत्महत्या की नीयत से जिस गोली का सेवन किया था वो एक प्रतिबंधित ड्रग है। सिर्फ इतना ही नहीं नियम के अनुसार कोई भी Schedule H टाइप का ड्रग जैसे एंटीबायोटिक आदि (पहचान- पैकेट पर लाल पट्टी) भी डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के बिना नहीं मिल सकता। फिर इन नाबालिग बच्चियों को ज'हर की गोली कैसे मिल गयी। इस मामले में लिप्त लोगों के साथ साथ प्रशासन पर भी कारवाई होनी चाहिए।
इस मामले में मथुरापुर के सामाजिक कार्यकर्ता व घटेरा पंचायत के पूर्व मुखिया रणविजय कुमार ने बताया कि यह एक ऐसा प्रेम था जो आपसी सहयोग से चल रहा था। सभी सहेलियों ने आपस मे एक समूह बनाया था और उसकी लीडर वह किशोरी थी जो प्यार में पागल हो गई थी। उन्होंने बताया कि प्रेम में असफल होने के बाद किशोरी ने अपनी सभी सहेलियों को एकमत किया और जान दे दी।
वही औरंगाबाद के मुख्यालय डीएसपी ललित नारायण पांडेय ने बताया कि पूरा मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है। मामले में ललिता देवी के बयान पर कासमा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक के बाद एक किशोरियों ने क्यों ज'हर खाया, इसकी जांच की जा रही है।
Source: Liveindianews18 से साभार