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बिहार में अब प्लास्टिक-थर्मोकोल के पत्तल-कटोरी में भोज-भात पड़ेगा महंगा, 5 साल तक हो सकती है जेल

प्लास्टिक कटलरी के अलावा सभी तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, आयात, बिक्री, विनिर्माण, भंडारण आदि पर भी लगाई गई है रोक! पढिये पूरा नियम

Aurangabad Now Desk

Aurangabad Now Desk

पटना, Dec 13, 2021 (अपडेटेड Dec 13, 2021 4:05 PM बजे)

स्टोरी हाइलाइट्स

15 दिसंबर से बिहार में प्रतिबंधित हो जाएगा सिंगल यूज प्लास्टिक

पकड़े जाने पर 5 साल की सजा या 1 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का है प्रावधान

बिहार में थर्मोकोल के पत्तल, कटोरी, सिंगल यूज प्लास्टिक वाले कैरी बैग, झंडे, पाउच आदि की बिक्री, उत्पादन, परिवहन और उपयोग पर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की 16 जून 2021 की अधिसूचना पर्या. वन (मु.) 09/2019/406(ई) के राजपत्र में प्रकाशन के 180 दिनों के पश्चात (अर्थात 14 दिसंबर 2021 की मध्य रात्रि से) सिंगल यूज़ वाले प्लास्टिक और थर्माकोल से बने सामग्रियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके आयात, विनिर्माण, परिवहन, वितरण और विक्रय करना दंडनीय अपराध होगा।

अधिसूचना के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले सामान जैसे प्लास्टिक के कप, प्लेट, चम्मच, थर्माकोल के बने कप, कटोरी और प्लेट के अलावा प्लास्टिक से बने बैनर और ध्वज, प्लास्टिक के पानी पाउच जैसे सामानों की बिक्री नहीं होगी। अगर कोई इनका प्रयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति पर आईपीसी की धारा के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

थर्मोकोल उत्पादों पर यह प्रतिबंध 14 दिसम्बर की मध्य रात्रि से लागू हो रहा है। यानी 15 दिसम्बर से राज्य में थर्मोकोल से बने पत्तल, गिलास, कटोरी आदि की बिक्री और उपयोग की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई दुकानदार या उपभोक्ता इसका उल्लंघन करते पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रतिबंध को लेकर दिशा निर्देश भी बिहार प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की ओर से जारी किया जा चुका है।

5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये के जुर्माना का है प्रावधान

पर्यावरण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में इस बात की जानकारी दी गई है कि अगर इन नियमों का कोई भी व्यक्ति उल्लंघन करते हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत 5 साल की जेल के साथ ही 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान लागू किया गया है।

दरअसल न सिर्फ बिहार सरकार बल्कि भारत सरकार ने भी पूरे देश में थर्मोकोल उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध की तैयारी की है। केंद्र सरकार द्वारा 12 अगस्त 2021 को प्रकाशित जारी गजट ऑफ इंडिया के अनुसार पूरे देश में थर्माकोल से बने और एकल उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर 1 जुलाई 2022 से पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। हालाँकि, केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के पहले ही बिहार में 15 दिसंबर 2021 से थर्माकोल से बनी वस्तुओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

राज्य में थर्मोकोल से बने मुख्य उत्पादों में पत्तल और कटोरी ही हैं। इनका भोज और रेहड़ी पटरी की खानपान की दुकानों पर खूब उपयोग होता है लेकिन प्रतिबंध के बाद से इसकी जगह केले के पत्ते या अन्य जंगली पत्तों से बने पत्तल का उपयोग ही किया जा सकेगा या फिर स्टील आदि से बने प्लेट के उपयोग का विकल्प बचेगा।

राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन के बाद 180 दिनों का समय दिया गया था ताकि व्यवसायी और उद्यमी अपने पुराने स्टॉक को खाली कर सकें और अल्टरनेट व्यवस्था को लागू करने का पर्याप्त समय मिल सके।

राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने का इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमियों और संगठनों की ओर से विरोध किया जा रहा है।  पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इसे राज्य सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 15 दिसम्बर के बाद किस प्रकार से राज्य में यह प्रतिबंध प्रभावी होगा। हालांकि आज की बात करें तो बिहार में धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल जारी है।

Source: Aurangabad Now

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