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सिटीजन रिपोर्टर
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मंगलवार (15 जून) को हुई बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कैबिनेट मीटिंग में कुल 6 प्रस्तावों पर मुहर लगी जिसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का एकल उपयोग त्याज्य प्लास्टिक (Single Use and Throw Plastic) पर प्रतिबंध का फैसला भी शामिल है।
इसके तहत राज्य में एकल उपयोग त्याज्य प्लास्टिक (वैसे प्लास्टिक जिसे एक बार इस्तेमाल कर लेने के बाद उसका दोबारा इस्तेमाल ना किया जा सके, जैसे थर्माकोल, पैकिंग वाले प्लास्टिक आदि) के विनिर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, विक्रय, उपयोग आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। संबंधित मंत्रालय इसके लिए नियम कानून बनाएगा। यदि किसी के द्वारा इन नियमों का अवहेलना किया जाता है तो इसके लिये दंड का भी प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है।
इस फैसले से संबंधित गज़ट प्रकाशित (बुधवार तक प्रकाशित हो सकता है) होने के 180 दिनों के बाद से यह नियम राज्य में लागू हो जाएगा। इस अवधि के अंदर राज्य में इस तरह के प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियां अपना स्टॉक खाली कर पाएंगी।
सॉलिड वेस्ट के निस्तारण में हो रही परेशानियों और पर्यावरण में हो रहे इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण ये फैसला लिया गया है।
सिंगल यूज या एकल उपयोग त्याज्य प्लास्टिक वैसी प्लास्टिक होती हैं जिन्हें फेंकने या रीसायकल करने से पहले सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सके। इन्हें अक्सर डिस्पोजेबल प्लास्टिक के नाम से भी जाना जाता है। किराना बैग, खाद्य पैकेजिंग, बोतलें, स्ट्रॉ, कंटेनर, कप, कटलरी आदि में इसी प्रकार के प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है।
ये प्लास्टिक बिना अपघटित हुए पर्यावरण में लंबे समय तक पड़ी रहती हैं। इनका रीसायकल करना भी काफी मुश्किल टास्क है। इस्तेमाल करके इधर उधर फेंक देने के कारण आवारा पशु इन्हें खा जाते हैं जिसकी वजह से कभी कभी तो उनकी मौत भी हो जाती है।
औरंगाबाद नाउ आपसे अनुरोध करता है कि आप भी जहां तक संभव हो प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें। शॉपिंग के समय कपड़े के थैले का इस्तेमाल करें और घर से निकलने वाले सूखे और गीले कचरे को अलग अलग नगर परिषद के द्वारा निर्धारित नीले और हरे कूड़ेदान में हीं फेंके।
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Source: Aurangabad Now