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सिटीजन रिपोर्टर
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औरंगाबाद जिले में गर्मी का सितम जारी है। गर्मी का आलम ये है कि अप्रैल महीने में ही लू चलना शुरू हो गया है। हालांकि जिले में अधिकतम तापमान में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं दर्ज की गई है लेकिन सिर्फ विगत चार से पांच दिनों में ही न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
पिछले पाँच दिनो का 9, 10, 11, 12, 13, अप्रैल को अधिकतम तापमान 42.6, 40.4, 41.4, 42, 41.8 और न्यूनतम तापमान 19.9, 20.6, 21.9, 23.4 & 24.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। बुधवार को अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस एवं आज सुबह तापमान 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
औरंगाबाद जिले में आने वाले दिनों में दिनांक 15 से 19 अप्रैल 2022 तक (अधिकतम तापमान 40.3 से 42 और न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस) रहने की संभावना है। इस दौरान दिनांक 17 अप्रैल 2022 तक 10 से 14 किलोमीटर के गति से पछुआ एवं उत्तरी - पछुआ हवा चलने की संभावना है तथा 18 अप्रैल से 10 से 12 किलोमीटर के गति से पूर्वा हवा बहेगी।
मौसम को देखते हुए किसान भाइयों को सलाह दी जा रही है की इस सप्ताह शुष्क मौसम रहने की संभावना को देखते हुए परिपक्व गेंहू के फसल के कटाई करके मंडाई करें एवं दानों को सुरक्षित स्थानों पर भण्डारण करें। मूँग या उरद, सब्जी वाली फसल, चारा वाली फसल आदि में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई आवश्यकतानुसार करें। प्रचलित तापमान में बढ़ोत्तरी को देखते हुए किसान भाइयों को अपने पशुओ को बाहर धूप में नही चराने एवं स्वच्छ एवं ताजा पानी पिलाने की सलाह दी जाती है।
आम में फल झड़न को कम करने के लिए 1ml प्लानोफिक्स 4 लीटर पानी में घोलकर शाम के समय छिड़काव कर सकते हैं। इसके साथ-साथ पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए 1ml इमिडाक्लोप्रिड को प्रति लीटर पानी घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं। नमी का स्तर बनाए रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
डॉ चौबे ने बताया की भण्डारण से पहले अनाज को अच्छी तरह से साफ किया जाना चाहिए और इसे नमी की अनुशंसित स्तर तक सुखाया जाना चाहिए। पिछली फसलों के सभी अनाजों और अन्य भंडारित पदार्थों को हटाकर गोदामों को अच्छी तरह से साफ किया जाना चाहिए। दीवारों की दरारों की सफाई व मरम्मती करना चाहिए और सफेदी करना चाहिए। बोरी की थैलियों को धूप मे सुखाया जाना चाहिए ताकि अंडों और कीटों के स्ट्रेचिंग चरणों के साथ साथ बीमारियों का इनोक्यूलम नष्ट हो जाए।
यह जानकारी डॉ अनूप कुमार चौबे, कृषि मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, सिरिस, औरंगाबाद, बिहार ने औरंगाबाद नाउ पोर्टल के जरिये जनहित में दी है।
Source: Aurangabad Now