होम
सिटीजन रिपोर्टर
सर्च
केंद्रीय खनन मंत्रालय ने बिहार को चार खनिज ब्लॉक सौंपे दिए हैं। रोहतास, गया और औरंगाबाद में स्थित ये खानें पोटैशियम और क्रोमियम के हैं। बुधवार को फिक्की सभागार में केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने बिहार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम को खनिज सर्वे के दस्तावेज सौंपे। केन्द्रीय मंत्री ने बिहार के अलावा अन्य राज्यों के मंत्रियों व प्रतिनिधियों को भी इससे संबंधित दस्तावेज दिए। केन्द्र ने 14 राज्यों को विभिन्न खनिजों के 100 ब्लॉक सौंपकर उनसे इनकी जल्द से जल्द नीलामी कराने का आग्रह किया है।
जनक राम ने बताया कि बिहार को तीन पोटैशियम के और एक क्रोमियम के कुल चार ब्लॉक दिए गए हैं। इसमें सासाराम-रोहतास में 10 वर्ग किलोमीटर का नड़वाडीह ब्लॉक, आठ वर्ग किलोमीटर में टीपा खनिज ब्लॉक और शाहपुर में सात वर्ग किलोमीटर में ब्लॉक शामिल है। ये तीनों पोटैशियम के ब्लॉक हैं। इसके अलावा औरंगाबाद-गया में क्रोमियम के ब्लॉक हैं।
बिहार को मिला क्रोमियम ब्लॉक औरंगाबाद-गया क्षेत्र में है जो कि आठ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। क्रोमियम एक महंगी धातु है जिसका इस्तेमाल एविएशन और मोबाइल में मैन्युफैक्चरिंग में होता है। खनन प्रारम्भ होने के बाद बिहार को इसका सीधा लाभ होगा।
मंत्रीजी ने कहा कि राज्य सरकार इन ब्लॉक से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विस्तृत अध्ययन करके शीघ्र इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगी। निश्चित रुप से बिहार को इसका लाभ होगा।
28 मार्च 2021 को मोदी सरकार ने माइन्स एंड मिनरल एक्ट में संशोधन किया था। इस संशोधन में G-4 लेवल सर्वे के बाद ही माइंस के नीलामी का प्रावधान किया गया है। एक्ट में संशोधन के बाद यह पहला मौका है जब जी-4 स्तर यानी शुरुआती सर्वेक्षण स्तर पर खनिज ब्लॉक की नीलामी की अनुमति दी गई है।
अभी तक खनन सर्वेक्षण के चार स्तरों में से जी-4 स्तर का सर्वेक्षण केवल सरकारी एजेंसियां या पीएसयू ही कर सकते थे।
United Nations Framework Classification of Minerals Resources और भारतीय खनन मंत्रालय के Evidence of Mineral Contents (Amendment) Rules, 2021 के अनुसार चार स्तरों में धरती के अंदर मिनिरल्स की खोज/सर्वेक्षण की जाती है:-
G-4 या Reconnaissance exploration एक शुरुआती स्तर का सर्वेक्षण होता है जिसमें बड़े स्केल पर मिनिरल डिपाजिट की जांच की जाती है। क्रमशः G-3, G-2 और G-1 विस्तृत रूप से किये जाने वाला सर्वेक्षण है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सबसे अधिक 21 ब्लॉक मध्यप्रदेश, 13 ब्लॉक राजस्थान, 10 ब्लॉक छत्तीसगढ़, 8 ब्लॉक महाराष्ट्र, 5 ब्लॉक झारखंड व 4 ब्लॉक बिहार के हिस्से में आए हैं।
Source: Aurangabad Now