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सिटीजन रिपोर्टर
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औरंगाबाद के सर्राफा व्यवसायी सुरक्षित नहीं हैं। ये बात हमनें कुछ दिनों पहले भी की थी। हमारी संदेह को सही साबित करता हुआ एक और मामला फिर से सामने आया है। जम्होर मेन बाजार में अवस्थित एक जेवर की दुकान में प्रशासन से बेखौफ शातिर चोरों ने फिल्मी स्टाइल में दीवार तोड़कर लाखों रुपये के आभूषण साफ़ कर दिए।
Image: इसी दुकान में चोरी हुई है।
औरंगाबाद के जम्होर थाना क्षेत्र में जम्होर बाजार स्थित जेवर की दुकान में शनिवार की बीती रात सेंधमारी कर अज्ञात चोरो ने करीब छह लाख के सोने-चांदी के जेवर उड़ा लिए। चोरो ने चोरी करने के लिए एकदम फिल्मी तरीका अपनाया। लोगों की नज़र से बचते हुए उन्होंने दुकान के पीछे की दीवार को निशाना बनाया। दीवार तोड़कर उसमें एक बड़ा छेद बनाया और फिर आसानी से दुकान के अंदर दाखिल हुए और सोने-चांदी का दस लाख का जेवर लेकर चंपत हो गये।
Image: दुकान के पीछे दीवार में चोरों ने बनाया बड़ा छेद
पीड़ित दुकानदार राकेश कुमार ने बताया कि शनिवार की सुबह पोस्ट आफिस के कर्मचारियों ने उसकी दुकान के पीछे की दीवार को टूटा हुआ देखकर उसे इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही वह दुकान पर पहुंचा। वहाँ के हालात देखकर समझ में आया कि दुकान में चोरी हो गई है। तत्काल इसकी सूचना जम्होर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही जम्होर थानाध्यक्ष संजय कुमार सदल-बल मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि जेवर दुकान में चोरी हुई है। मामले की छानबीन की जा रही है। पुलिस चोरों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लेगी।
चोरी की घटना के बाद स्थानीय व्यवसायियों ने पुलिस की गश्ती पर सवाल उठाते हुए कहा कि जम्होर थाना हेडक्वार्टर है। यह छोटा सा शहर है। चोरी होना और पुलिस को इसकी खबर तक नहीं लगना पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिंह खड़ा कर रहा है। साफ है कि जम्होर पुलिस का गश्ती दल गश्ती के नाम पर सिर्फ खानापूरी करता है। सही से पुलिस की गश्ती नही होने के कारण ही यह घटना घटी है। यदि पुलिस रात में इस इलाके में गश्ती कर रही होती तो निश्चित तौर पर यह घटना नही घटती। फिलहाल पुलिस चोरो का पता लगाने में जुटी है।
Aurangabad Now इस तरह के मुद्दों पर जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करती है। हमनें पहले भी सर्राफा व्यापारियों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की थी और प्रशासन से इस मुद्दे पर व्यवसायियों को सुरक्षा देने का अनुरोध भी किया था। लेकिन इस तरह की घटनाओं को देखकर ऐसा साबित होता है कि जिले में चोरों को पुलिस-प्रशासन से रत्ती भर का भी खौफ नहीं है। अगर औरंगाबाद पुलिस लोगों के बीच अपना विश्वास बढ़ाना चाहती है तो सिर्फ बिहार पुलिस सप्ताह के आयोजन मात्र से काम नहीं होगा। पुलिस को अपनी कार्यशैली में ऐसा सुधार करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं का दोहराव ना हो सके।
Source: Aurangabad Now