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सिटीजन रिपोर्टर
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जिला परिवहन कार्यालय, औरंगाबाद परिसर में जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार 28 मई को वाहन मेले का आयोजन किया गया था। इस वाहन मेले में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत एम्बुलेन्स क्रय हेतु चयनित लाभुकों को एम्बुलेन्स क्रय में मदद हेतु मारूति, टाटा मोटर्स, महिन्द्रा एजेन्सी एवं केनरा बैंक के अधिकारी भी उपस्थित थे।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत एम्बुलेन्स क्रय हेतु इस जिला का कुल लक्ष्य 21 निर्धारित है। जिसके विरूद्ध कुल 21 लाभुकों का चयन कर लिया गया है। आयोजित इस परिवहन मेला में कुल 17 लाभुकों द्वारा एम्बुलेन्स क्रय हेतु बुकिंग करवाया गया। जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा वाहन मेला में सभी 17 लाभुकों को एम्बुलेन्स क्रय का कमीटमेन्ट आर्डर फार्म वितरित करके मेले शुरूआत की गयी।
इस पूरी खबर में हमने दो बार मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का जिक्र किया। क्या आपको मालूम है इस योजना के बारे में ? आइये जानते हैं!
राज्य में ऐसे कई लोग थे जो वाहन चलाना जानते थे लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे अपना वाहन खरीद नहीं पाते थे। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की भी समस्या थी। इन दोनों समस्याओं को एक साथ हल करने के लिए एवं ग्रामीण परिवहन विकास को दृष्टिगत रखते हुए 5 सितंबर 2018 को मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की शुरुआत की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत गांवों में रहने वाले लोगों को अपना खुद का वाहन खरीदने के लिए वाहन के खरीद मूल्य का 50% या अधिकतम 1 लाख रुपए सब्सिडी के तौर पर बिहार सरकार के द्वारा प्रदान की जाती है। वाहन को 5 वर्ष तक अनुमंडल अधिकारी के लिखित अनुमति के बिना बेचा नहीं जा सकता है। हालांकि वाहन पारिवारिक उत्तराधिकार के तहत स्थानांतरित किया जा सकता है। यदि वाहन ऋण के द्वारा खरीदा जाता है तो अनुदान का पैसा ऋण भुगतान मे इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके अंतर्गत लाभार्थी 4 से 10 सीट वाले नए वाहन को खरीद सकते हैं जिसका परिचालन पंचायत से प्रखण्ड मुख्यालय तक करना होगा। और इससे बेरोजगारी दर में भी गिरावट आएगी इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको न्यूनतम 21 वर्ष की आयु को होना चाहिए और बिहार सरकार के अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना है
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोग ही इसका लाभ उठा सकते हैं। लाभुक की उम्र आवेदन आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए तथा उसके पास कम से कम हल्के मोटरयान के चालक की अनुज्ञप्ति होना चाहिए (Driving Licence for Light Motor Vehicle-LMV)। लाभुक को सरकारी सेवा में नियोजित नहीं होना चाहिए या उसके पास पूर्व से कोई व्यवसायिक वाहन नहीं होना चाहिए। किसी पंचायत के लिए लाभ प्राप्त करने हेतु लाभुक को उस पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है।
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कोरोना महामारी के कारण राज्य के सुदूरवर्ती गांवों में एंबुलेंस की भारी कमी देखी गई थी। इस कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत प्रत्येक प्रखंड में दो एंबुलेंस क्रय करने की इजाजत दी गई थी। इसको लेकर परिवहन विभाग के सचिव ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर आवश्यक निर्देश दिया था। जारी पत्र में बताया गया था कि प्रति पंचायत सात लाभुकों की अनुमान्य सीमा के अंतर्गत प्रति प्रखंड दो एंबुलेंस की खरीद पर क्रय मूल्य का 50 फीसद लेकिन अधिकतम दो लाख रुपए अनुदान का प्रावधान किया गया है।
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Source: Aurangabad Now