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सिटीजन रिपोर्टर
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16 मार्च और 17 मार्च को कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस मे कृषि विज्ञान केन्द्र एवं आत्मा औरंगाबाद के संयुक्त तत्वावधान से किसान मेला- सह- प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस मेले का उद्घाटन श्री विजयंत, एस.डी.एम. औरंगाबाद, डॉ नित्यानंद, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, श्री रणवीर सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा, सहायक निदेशक पौध संरक्षण, सहायक निदेशक मृदा रसायन, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका ने संयुक्तरूप ने किया।
इस दौरान श्री विजयंत, SDM, औरंगाबाद ने कृषि विज्ञान केन्द्र की फसल संग्रहालय में विभिन्न तकनीकों से लगे गेंहू के विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन किया तथा सभी के विशेष गुणों की जानकारी ली। उन्होंने केंद्र में स्थापित मौसम यूनिट, वर्मीकम्पोस्ट, औषधीय एवं सुगंधित पौध वाटिका, प्रशासनिक भवन तथा जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम के अन्तर्गत हैप्पी सीडर से बुआई की गई गेंहू की फसल का भी निरीक्षण किया एवं प्रशंसा की।
कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस में चल रहे गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जिला के द्वारा इस परिसर में विभिन्न प्रत्यक्षण यूनिट की स्थापना जैसे- पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस, नडेप पीट तथा फलदार वृक्ष के लिए नर्सरी तैयार किया जाएगा। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा लायी गयी नई तकनीकों को खेतों में अपनाने की बात कही जिससे कि कम लागत में फसल उत्पादकता में वृद्धि की जा सके।
केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ नित्यानन्द ने किसान मेला मे आए हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों के साथ किसान एवं महिला किसानों का स्वागत किया एवं कृषि विज्ञान केन्द्र मे चल रहे विभिन्न गतिविधियों एवं परियोजनाओ के बारे मे विधिवत जानकारी दी। उन्होंने किसानों की आमदनी दोगुनी करने हेतु विस्तृत तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराईl उन्होंने कहा कि औरंगाबाद जिले के कृषक अपनी लगन, मेहनत, कर्मठता एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर अपनी आमदनी को दस गुना तक बढ़ाया है। आप भी उन तकनीकों का समायोजन अपने कृषि में करके अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा, के द्वारा जिले मे चल रही विभिन्न योजनाओ के बारे में विधिवत जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने इस किसान मेला के उद्देश्य एवं विभाग के द्वारा चल रही विभिन्न परियोजनाओ के बारे मे भी जानकारी दी।
सहायक निदेशक, मृदा रसायन, ने किसानों को मृदा जाँच के बारे मे जानकारी दी एवं किसानों से कहा कि मृदा जाँच के बाद ही संतुलित मात्र में पोषक तत्व का प्रयोग करें।
सहायक निदेशक पौध संरक्षण, ने किसानों को पौधों में लगने वाले रोगों के लक्षण एवं उनके नियंत्रण के बारे में जानकारी दी।
सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, ने किसानों को कृषि यंत्रीकरण एवं उनके लाभ के बारे मे जानकारी दी। श्री पवन कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक, ने जीविका दीदियों को कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण ले करके अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने का भी सुझाव दिया।
मंच संचालन डॉ संगीता मेहता ने किया एवं गरमा मौसम मे लगाने वाले सब्जियों के बारे मे बताया l डॉ आलोक भर्ती ने बदलते हुए जलवायु मे पशुओ के देखरेख, बकरी पालन, मुर्गीपालन की विस्तृत जानकारी दी l डॉ अनूप कुमार चौबे ने मौसम पूर्वनुमान एवं कृषि पर जलवायु के पड़ने वाले प्रभावों के बारे मे विस्तृत जानकारी दी l इस अवसर पर जिला के विभिन्न गाँव से 1100 से अधिक कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया तथा केंद्र सभी कर्मचारी उपस्थित रहें ।
दिनांक 17 मार्च 2022 को कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस मे आयोजित किसान मेला- सह- प्रदर्शनी के दूसरे दिन सुबह 10.30 बजे से केन्द्र के वैज्ञानिको के द्वारा तकनीकी सत्र का प्रारम्भ किया गया।
डॉ सुरेन्द्र चौरसिया, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, अरवल ने, मूँग, मसूर, चना एवं सम सामयिक फसलों मे लगने वाले किट, रोग के प्रबंधन एवं नियंत्रण पर विस्तार से किसानों को जानकारी दी। साथ ही किसानों को जैविक खाद–राइजोबियम कल्चर, पीएसबी, ट्रैकोडर्मा के प्रयोग करने की तकनीक एवं इसके लाभ के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी।
डॉ अनूप कुमार चौबे ने जलवायु परिवर्तन को देखते हुए किसान बंधुओ को कहा कि अब फसलचक्र अपना करके खेती करने की जरूरत है तथा उन्होंने सही समय पर सही फसलो के प्रभेदों का चयन कर सही विधि से बुवाई करने के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मौसम पूर्ववानुमान के अनुसार आगामी पाँच दिन के मौसम की जानकारी के साथ साथ फसल, सब्जी, पशुपालन आदि की वैज्ञानिक सलाह भी दी। अपने फसल मे सिंचाई, प्रभेदों का चयन, पोषक तत्व प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण, किट एवं रोग नियंत्रण के साथ साथ कटाई, थ्रेसिंग एवं भण्डारण की विस्तृत जानकारी उनके द्वारा दी गयी।
जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा, धान गेंहू की फसल चक्र को बदलने के लिए कहा और साथ ही उन्होंने कहा कि तिल, चौलाई, सब्जी उत्पादन, आवला, कटहल, करौंदा, आदि खेती करके किसान अपने आमदनी मे बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।उनके द्वारा जल संरक्षण के विभिन्न उपायों, सूक्ष्म सिचाई पद्धति, तथा मृदा संरक्षण के बारे मे विधिवत जानकारी दी गई जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके।
केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ नित्यानन्द ने किसान मेला मे आए हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि के साथ किसान एवं महिला किसानों का स्वागत करते हुए संरक्षित खेती मे प्रयोग होने वाले विभिन्न यंत्रीकरण एवं उनसे होने वाले लाभों के बारे मे विधिवत जानकारी देते हुए किसानों की आमदनी दुगनी करने हेतु विस्तृत तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई। किसानो को कहा कि मृदा जाँच करा कर फसलों में संतुलित पोषक तत्वों का प्रयोग करें जिससे मृदा की उर्वरता बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद जिले के कृषक अपनी लगन, मेहनत कर्मठता एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
मेले में आयोजित प्रदर्शनी में लगे उत्पादों में स्ट्राबेरी (ब्रज किशोर मेहता को), लौकी एवं आलू (राज कमल गुप्ता), टमाटर, लेमन ग्रास, मुली, धनिया (राजीव कुमार) आदि सभी को प्रथम पुरस्कार दिया गया एवं सभी प्रादर्श मे अन्य को द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया।
इस अवसर पर जिला के विभिन्न गाँव से 400 से अधिक कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया तथा केंद्र सभी कर्मचारी उपस्थित थे।