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सिटीजन रिपोर्टर
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आज देश की सबसे बड़ी समस्या सरकारी विभागों में फैला हुआ भ्रष्टाचार है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऊपर से लेकर नीचे तक, सबका रेट फिक्स है। बिना कमीशन दिए सरकारी फाइलें आगे नहीं बढ़तीं। इसी महत्वपूर्ण मुद्दे को शार्ट फ़िल्म के माध्यम पर्दे पर उतारा है जिले के युवा समाजसेवी उपन्यासकार सह अधिवक्ता प्रभात बान्धुल्य ने।
प्रभात बान्धुल्य के प्रोडक्शन हाउस PFCC के बैनर तले बनी इस शार्ट फ़िल्म को PFCC के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज कर दिया गया है। अगर आप अभी तक इस फ़िल्म को नहीं देख पाए हैं तो नीचे लिंक पर क्लिक करके अभी देख सकते हैं।
कहानी एक गरीब आदमी कलटू भुइयां की जिंदगी के इर्दगिर्द घूमती है जो ईमानदारी से जीवन यापन करने के बावजूद भी सरकारी भ्रष्टाचार का शिकार हो जाता है। इस फ़िल्म में कलटू भुइयां के परिवार ने सरकारी मदद से शौचालय बनाने की आस पाल रखी है। सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार के कारण उसका शौचालय पास नहीं हो पाता है। तब वो अलग-अलग तरीके से योजना पास करवाने का प्रयास करता है। अब सरकारी शौचालय बनवाने के लिए उसका प्रयास रंग ला भी पाता है या नहीं, उसके लिए आपको पूरी फ़िल्म देखनी पड़ेगी।
इस फ़िल्म में भोलेनाथ गमहारी जी का प्रसिद्ध लोकगीत गोरी झुकी झुकी काटेली धान... को फेमस सिंगर चंदन तिवारी जी ने आवाज़ दिया है जिससे इस फ़िल्म में गाँव के मिट्टी की अलग ही सुगन्ध आती है।
इस फ़िल्म में कलटू भुइयां का लीड रोल स्वयं प्रभात बान्धुल्य ही निभा रहें हैं। वहीं कलटू भुइयां की पत्नी मैना देवी का रोल प्रगति जायसवाल निभा रहीं हैं। गेस्ट अपीयरेंस के तौर पर इस फ़िल्म में आपको जिले के मशहूर पत्रकार श्री राज पाठक जी भी दिखाई देंगे।
बता दें कि ये पूरी फिल्म औरंगाबाद में ही शूट की गई है। सीमित संसाधनों की चुनौतियों के साथ, इतने कम वक्त में सच्ची कहानी पर बनी ये शार्ट फ़िल्म आपको निराश नहीं करेगी।
हमने इस फ़िल्म की रिव्यू के लिए अलग अलग मापदंडों को ध्यान रखते हुए 10 में से 7.7 नंबर 10 में से 8.2 नंबर दिया है।
नोट: Aurangabad Now के ईमानदार रिव्यू के बाद PFCC की टीम ने ऑडियो डब्बिंग में सुधार करके फ़िल्म को फिर से रिलीज किया है। इसीलिए हमने भी इस फ़िल्म की रेटिंग में बदलाव करने का फैसला लिया है। अब अच्छे साफ HD ऑडियो के साथ फ़िल्म का फिर से मज़ा लीजिये।
Source: Aurangabad Now