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फैक्ट-चेक: क्या अब व्हाट्सएप्प पर रिकॉर्ड हो रहा है आपका कॉल्स?

अब व्हाट्सएप्प पर आपके द्वारा भेजे गए मैसेज रेड टिक के साथ पहुंचा तो आप गिरफ्तार हो सकते हैं! व्हाट्सएप्प पर ये मैसेज खूब शेयर किया जा रहा है। इसमें कितनी है सच्चाई पढ़िए हमारा फैक्ट-चेक

सत्यम मिश्रा

सत्यम मिश्रा

औरंगाबाद, May 28, 2021 (अपडेटेड May 28, 2021 9:43 PM बजे)

व्हाट्सएप्प पर अब लोगों के द्वारा एक मैसेज खूब शेयर किया जा रहा है जो व्हाट्सएप्प के ही नए नियम को लेकर है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने व्हाट्सएप्प इस्तेमाल करने को लेकर नियम में बदलाव किया है।

इस मैसेज के अनुसार अब व्हाट्सएप्प की सारी कॉल्स को रिकॉर्ड किया जाएगा। इतना ही नहीं अब धार्मिक और राजनीतिक पोस्ट डालने पर भी रोक लगाई गई है।

क्या है इस वायरल मैसेज की सच्चाई

इस मैसेज को पढ़ने से ही पता चलता है कि ये भ्रामक है। फिर भी हमने इसके ऊपर खोज बिन शुरू की तो पता चला कि वायरल किया जा रहा ये मैसेज फेक है। भारत सरकार की संस्था PIB जो वायरल मैसेज का फैक्ट चेक करती है उन्होंने भी इस भ्रामक मैसेज को झूठा बताया है।

उनके अनुसार भारत सरकार के किसी संचार नियम में कॉल रिकॉर्ड करने का प्रावधान नहीं किया गया है।

वायरल मैसेज में चर्चा किया जा रहा नया IT Act क्या है?

भारत सरकार ने सोशल मीडिया और डिजिटल न्यूज मीडिया/चैनल्स पर तेजी से फैल रहे फेक मैसेज को रोकने के लिए एक नियम बनाया था जिसका संक्षिप्त नाम सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 है।

इस नियम के तहत सभी सोशल मीडिया / डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म को शिकायत निवारण के लिए भारत में एक अफसर की नियुक्ति करनी होगी जो 24 घंटे के अंदर में यूजर की शिकायत को दर्ज करेंगे और 15 दिनों के अंदर शिकायत का निवारण करेंगे। इसके अलावा उन्हें हर महीने ये बताना होगा कि कितनी शिकायतें मिली और किन पर क्या कारवाई की गई। 

किसी वायरल फेक मैसेज का सोर्स भी उन्हें सरकार को बताना होगा। अगर किसी मैसेज को उनके प्लेटफार्म से हटाया जाता है तो इतना पूर्ण विवरण भी उस यूजर को बताना होगा कि मैसेज क्यों हटाया गया।

सरकार के इसी नियम को निजता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए व्हाट्सएप्प ने अदालत का रुख अपनाया है।

औरंगाबाद नाउ नए नियमों का पूरी तरह से करता है पालन

आपका अपना Aurangabad Now नए आईटी नियमों का पूरी तरह पालन करता है। हमने इसके लिए अपने प्लेटफार्म पर ग्रिएवंस ऑफिसर की नियुक्ति कर दी है जो 15 दिनों के अंदर आपकी समस्याओं का निवारण करेंगे। इसके अलावा हमलोग 'डिजिटल मीडिया एथिकल कोड' का पालन करना भी सुनिश्चित करते हैं।

जांच में ये मैसेज निकला फर्जी

हमारी जांच में ये वायरल मेसैज फर्जी पाया गया है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि यदि आपके पास भी ऐसा भ्रामक मैसेज पहुंचता है तो इसे आगे फॉरवर्ड न करें।

Source: Aurangabad Now

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