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सिटीजन रिपोर्टर
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पिछले लगभग 1 महीने से बिहार में बिजली की सप्लाई में अनियमितता देखी जा रही है। राज्य के छोटे शहरों और गांवों में रोटेशन के आधार पर बिजली का वितरण किया जा रहा है। अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये संकट अगले छह महीने तक जारी रह सकता है।
बिजली की इस भारी कमी का असर नवरात्रि के त्योहारों में भी देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में जब पूजा पंडालों की वजह से डिमांड में वृद्धि होगी तो बिजली वितरण कंपनियां इस चुनौती से कैसे निपटेगी ये देखना दिलचस्प होगा।
देश में अचानक से आई इस पावर क्राइसिस के पीछे अलग अलग तरह का लॉजिक दिया जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इस साल भारी बारिश की वजह से देश के कुछ कोयला खदानों में पानी भरा हुआ है। इस वजह से कोयला खनन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड जरूरत के हिसाब से कोयला नहीं निकाल पा रही है। वास्तव में देश के थर्मल पावर प्लांट को कोयले की जितनी जरूरत है, कोल इंडिया लिमिटेड उसका तकरीबन आधा प्रोडक्शन कर पा रही है।
इसके अलावा ये भी खबर है कि महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, तमिलनाडु, एमपी ने कोयला कंपनियों के बकाए का भुगतान भी नहीं किया है, जिस वजह से बिजली कंपनियों पर आर्थिक संकट आ गया है जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत बढ़ने से भी आपूर्ति पर असर पड़ा है।
इसके साथ ही भारत बड़ी मात्रा में ऑस्ट्रेलिया से कोयला आयात करता है लेकिन जब से चीन में कोल क्राइसिस हुआ है उसके बाद से 20 लाख टन से अधिक कोयला चीन के बंदरगाह पर कई महीनों से फंसा हुआ है जिसके भी बाहर निकलने की जल्द उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
न्यूज पोर्टल फर्स्ट बिहार की एक खबर के अनुसार पटना और दूसरे बड़े शहरों को छोड़कर बाकी अन्य शहरों और ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती हो रही है। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक रोटेशन के आधार पर बिजली की कटौती की जा रही है।
कांटी थर्मल पावर प्लांट फिलहाल ठप है और एनटीपीसी कहलगांव में भी उत्पादन पहले से कम हो गया है। उधर सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद के मुताबिक लगातार हुई बारिश की वजह से कोयला के खनन में गिरावट आई थी। लेकिन अब हालात पहले से बेहतर हुए हैं।
खनन का काम प्रभावित होने के कारण बिजली घरों को कोयले की सप्लाई पूरी तरह से नहीं हो पा रही थी। बिहार को बिजली देने वाले सभी बिजली घरों में कोयले का स्टॉक फिलहाल अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है। बाढ़ क्षेत्र बिजली घर की एक यूनिट को इसी कारण से मेंटेनेंस में डाल दिया गया है।
हाल ही में हुए तेज बारिश के बाद मौसम में परिवर्तन हुआ है जिससे तापमान में वृद्धि हुई है। इस बदलते मौसम के बीच बिजली सप्लाई का हाल भी बेहाल पड़ा हुआ है। बिजली की कमी की वजह से मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना नल-जल मिशन के क्रियान्वयन पर भी भारी असर पड़ा है।
बिजली बिना किसी पूर्व सूचना के घंटो-घंटो तक गायब रह रही है जिससे लोगों के घरों में पीने के पानी का भी अभाव हो जा रहा है। इस मुद्दे पर बिजली बोर्ड के अधिकारी भी ये कह कर पल्ला झाड़ ले रहे हैं कि सप्लाई बाहर से बाधित है और वो इसमें कुछ नहीं कर सकते। जिले के नागरिकों में इस अनियमित सप्लाई की वजह से भारी रोष व्याप्त है।
Source: Aurangabad Now