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सिटीजन रिपोर्टर
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पिछले साल (2020) का एक-एक पल हम सबों ने कोरोना के साये में ही बिताया था। एक नयीं बीमारी जो चीन के वुहान से निकल कर हमारे जिले में पांव पसार चुकी थी। हमें ना ही इस बीमारी के बारे में ज्यादा कुछ पता था और ना ही इसके इलाज के बारे में। सोशल डिस्टनसिंग, मास्क और सैनिटाइजर ही हमारे हथियार थे। उस समय सबके जेहन में बस एक ही सवाल था कि वैक्सीन कब आएगा?
आज 2021 का जून महीना चल रहा है। इस साल की सबसे खास बात ये है कि अब हमारे पास वैक्सीन है वो भी एक नहीं बल्कि तीन-तीन (कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक)! आपको बता दें कि सभी वैक्सीन क्लिनिक ट्रायल से पास होकर, भारत सरकार की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद ही लाये गए हैं और ये एकदम सुरक्षित हैं।
फिर ऐसा क्या हो गया कि जिस वैक्सीन का इंतजार हम पलकें बिछा कर कर रहे थे आज उसी के लिए जागरूकता फैलाने की नौबत आ रही है। औरंगाबाद जिले के कईं गांवों से वैक्सीन के बहिष्कार की खबरें आ रहीं है। फिलहाल के लिए तो ये बिलकुल ही शुभ संकेत नहीं है।
जब से वैक्सीन के प्रति अविश्वास का रिपोर्ट प्रशासन को मिला है तब से वो अलर्ट मोड हैं और इसकी प्रशंसा भी करनी होगी। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वैक्सीन को सुलभता से गांवों तक पहुंचाने के लिए टीका एक्सप्रेस का संचालन भी लगातार किया जा रहा है।
इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कल (01 जून को) जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रीना कुमारी द्वारा देव प्रखंड के बिजौली एवं मदनपुर प्रखंड के मनिका पंचायत के लोगों को कोविड-19 का टीका लगवाने हेतु जागरूक किया गया। साथ ही उप निर्वाचन पदाधिकारी, जावेद इकबाल एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी नबीनगर ओम राजपूत द्वारा नवीनगर प्रखंड के रघुनाथगंज, बेला खपरमंदा, खजुरी पांडू, कंचन बारा एवं मुंगिया पंचायत में लोगों को कोविड-19 का टीका लगवाने हेतु जागरूक किया गया। इसके साथ साथ प्रखंडों में समीक्षा बैठक का भी आयोजित किया जा रहा है ताकि वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाया जा सके।
अधिकारियों के गृह भ्रमण की खबरें हम Aurangabad Now पर भी हर दिन प्रकाशित कर रहे हैं।
इस विषय पर हमने भी काफ़ी रिसर्च किया और कुछ बातें सामने निकल कर आयीं। इनपर चर्चा करके प्रशासन लोगों में वैक्सीन के प्रति उपजे भ्रम को दूर कर सकती है।
अधिकारियों द्वारा किए गए गृह भ्रमण के दौरान हुई ग्रामीणों से संवाद, सोशल मीडिया साइट्स पर उपलब्ध कमेंट्स, और व्हाट्सएप्प ग्रुप में हो रही चर्चाओं के आधार पर हमने ये रिपोर्ट तैयार किया है। हमने स्वयं भी जागरूकता अभियान के तहत जिले के कईं गांवों में जाकर लोगों से वैक्सीन ना लेने का कारण जानना चाहा तो जो मुख्य बातें निकल कर सामने आईं वो ये हैं-
ऐसा संभव है कि कुछ और कारण भी होंगे जिसकी चर्चा हम इस रिपोर्ट में नहीं कर पाए हैं। अगर आपके संज्ञान में वो कारण हैं तो आप हमें नीचे कमेंट में या हमारे सोशल मीडिया पेज पर शेयर कर सकते हैं।
अगर हमारी सुझावों को माने तो उपरोक्त वर्णित सभी बिंदुओं पर जिले के सिविल सर्जन और मशहूर डॉक्टरो को अपनी राय रखनी चाहिए। अपनी बातों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वो Aurangabad Now जैसे विश्वसनीय मीडिया का सहारा ले सकते हैं।
राजनीति में ऊंची कद रखने वाले जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
जिले के प्रसिद्ध धर्मगुरुओ को भी इस विषय पर अपनी बात रखनी चाहिए।
लोगों के बीच फेमस लोकगीत कलाकार, एक्टर, सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी इसके लिए अपनी राय देनी चाहिए। वो इसके लिये अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल बखूबी से कर सकते हैं।
याद रखिये इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सिर्फ अधिकारियों की ही नहीं है। हम आप सबको एक होकर लोगों में वैक्सीन के प्रति हुए अविश्वास को दूर करना है।
औरंगाबाद नाउ आप सभी पाठकों से अनुरोध करता है कि वैक्सीन को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम में ना रहें। ये एकदम सुरक्षित है और लाखों लोगों पर टेस्ट करने के बाद आपको दिया जा रहा है। अतः आप स्वयं भी वैक्सीन लें और लोगों को भी प्रेरित करें।
Source: Aurangabad Now