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सिटीजन रिपोर्टर
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हर वर्ष गर्मियों के मौसम में औरंगाबाद जिला लू के थपेड़ों के चपेट में आ जाता है। इस जिले की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि औरंगाबाद जिला हीट वेव के हॉट स्पॉट जोन में आता है। आपको बता दें कि लू की वजह से जिले में 2019 में 30 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गयी थी वहीं 2021 में भी 25 से अधिक लोग इसके चपेट में आ गए थे। इस चुनौती से निपटने के लिए जिला प्रशासन अग्रिम तैयारियों में जुट गई है।
Image: बैठक में शामिल DM और अन्य अधिकारी
इसके अंतर्गत ही शुक्रवार को जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में गर्म हवाएं/लू से बचाव हेतु अपने कार्यालय कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) को यह निर्देश दिया गया कि खराब चापाकल की मरम्मती करवाना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही साथ ग्राउंड वाटर लेवल परिवर्तन की लगातार जानकारी रखना भी सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ ही नगर परिषद के द्वारा लू के दौरान जगह जगह पर प्याऊ की व्यवस्था की जाय तथा सिविल सर्जन को यह निर्देश दिया गया कि सभी पीएचसी व सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस का पैकेट, आई वी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा की व्यवस्था की जाय। साथ ही AC इत्यादि की मरम्मती सुनिश्चित किया जाय।
इसके अतिरिक्त लू के मौसम से पहले मॉक ड्रिल का भी आयोजन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में करवाएं ताकि उस वक्त किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। पशुपालन पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया कि सभी प्रकार की पशु की दवाएं व पानी हेतु नाद की व्यवस्था रखेंगे।
जिला पदाधिकारी द्वारा आमजन से अपील भी किया गया कि लू लगे व्यक्ति को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही इलाज कराए न कि उसे सदर अस्पताल ले जाने का इंतजार करे क्योंकि गोल्डन आवर में किया गया इलाज अत्यंत ही कारगर होता है व लोगो की जान बचाई जा सकती है। तथा जनमानस को पैम्पलेट व अन्य माध्यमों से जागरूक करने पर भी जोर दिया गया।
इस अवसर पर प्रभारी उप विकास आयुक्त मंजू प्रसाद, आपदा प्रभारी डॉ फतेह फैयाज, डीपीओ आईसीडीएस ममता रानी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी नबीनगर एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
Source: Emaa Times