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CM नीतीश कुमार MP सुशील सिंह की यह बात मान लें तो UNESCO हेरिटेज सूची में शामिल हो सकता है छठ पर्व

लोक आस्था के महापर्व छठ को यूनेस्को की हेरिटेज सूची में दर्ज कराने हेतु सांसद सुशील कुमार सिंह जी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

Aurangabad Now Desk

Aurangabad Now Desk

औरंगाबाद, Jan 23, 2022 (अपडेटेड Jan 23, 2022 3:02 AM बजे)

औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र के लिखकर लोक आस्था के सबसे महान पर्व छठ पर्व को यूनेस्को की हेरिटेज सूची में दर्ज कराने हेतु राज्य सरकार की ओर से पहल करने का आग्रह किया है।

पत्र में कहा है कि सर्वविदित है कि बड़े ही सख्त नियमों का पालन करते हुए अत्यधिक स्वच्छता और शुद्धता के साथ किया जाने वाला यह व्रत दुनिया को प्रकाश और ऊर्जा देने वाले भगवान भास्कर की आराधना के लिए किया जाता है। इसकी विशेषता है कि अस्ताचल सूर्य को पहले अर्घ्य दिया जाता है फिर उगते सूर्य को। पर्यावरण संरक्षण नए मौसमी फल एवं अन्न भगवान को प्रसाद रूप अर्पण करने के साथ ही व्रत के अवसर पर गाए जाने वाले लोकगीतो में शिक्षा के साथ व्रती भगवान से बेटा की अपेक्षा बेटी मांगते है।

गीत ‘रुनकी-झुनकी बेटी मांगी-ल पढ़ल दामाद‘ यह महान पर्व अपने आप में पौराणिकता के साथ में आधुनिकता को भी समेटे हुए है। इस पर्व को आज देश के हर हिस्से में ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों में मनाया जाता है। अनुरोध है कि छठ पर्व को यूनेस्को की हेरिटेज सूची में दर्ज कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा अनुशंसा भेजी जाए।

क्या है यूनेस्को हेरिटेज सूची (Representative List of Intangible Cultural Heritage of Humanity)?

UNESCO की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची (Representative List of Intangible Cultural Heritage of Humanity) वो सूची है जिसमें शामिल धरोहरों को यूनेस्को उस स्थान की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता देता है।

अमूर्त सांस्‍कृतिक विरासत केवल स्‍मारकों या कला वस्‍तुओं के संग्रहण तक ही सीमित नहीं होता है। इसमें उन परम्पराओं एवं प्रभावी सोचों को भी शामिल किया जाता है जो पूर्वजों से प्राप्‍त होते हैं ओर अगली पीढ़ी को प्राप्‍त होते हैं जैसे- मौखिक रूप से चल रही परम्पराएँ, कला प्रदर्शन, धार्मिक एवं सांस्‍कृतिक उत्‍सव, विश्वास, लोककथा और परम्परागत शिल्‍पकला आदि।

यूनेस्को सूची में भारत के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Representative List of the Intangible Cultural Heritage of Humanity in India)

इस लिस्ट में भारत के कईं धरोहर शामिल हैं-

  • वैदिक जप की परम्परा
  • रामलीला
  • कुटियाट्टम
  • राममन -- गढ़वाल के धार्मिक त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान
  • मुदियेट्टू -- केरल का नृत्य नाटक
  • कालबेलिया लोकगीत और राजस्थान के नृत्य
  • छऊ नृत्य
  • लद्दाख का बौद्ध जप
  • मणिपुर का संकीर्तन -- पारम्परिक गायन, नगाड़े और नृत्य
  • पंजाब के ठठेरों द्वारा बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन
  • योग (2016 में शामिल हुआ)
  • नवरोज़ (2016 में शामिल हुआ)
  • कुम्भ मेला (2017 में शामिल हुआ)
  • कोलकाता का दुर्गा पूजा (पिछले वर्ष 2021 में शामिल हुआ है)

यदि माननीय सांसद महोदय की बातों को मानते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठ पूजा को यूनेस्को के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में दर्ज करवाने में सफल होते हैं तो बिहार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी और इससे बिहार में पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हो सकता है।

पोल

सांसद सुशील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से छठ पूजा को यूनेस्को हेरिटेज सूची में शामिल करवाने की मांग की है। इस मुद्दे पर आप क्या सोचते हैं?

अच्छी पहल है। मुख्यमंत्री को भी इसमें गंभीरता दिखानी चाहिए।
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इसका कोई फायदा नहीं! ये बस राजनीतिक स्टंट है।
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हेरिटेज सूची में शामिल हो या ना हो कोई फ़र्क नहीं पड़ता है।
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यह पोल समाप्त हो गया है।

Source: Aurangabad Now

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