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बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का किया गया आयोजन! जसोइया तालाब में DM, SP और अन्य पदाधिकारियों ने किया वृक्षारोपण

Aurangabad Now Desk

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औरंगाबाद, Aug 09, 2021 (अपडेटेड Aug 09, 2021 9:51 PM बजे)

बिहार पृथ्वी दिवस के मौके पर आज जसोइया तालाब में DM सौरभ जोरवाल, SP कांतेश कुमार मिश्र और अन्य पदाधिकारियों ने वृक्षारोपण किया। इस दौरान मुख्य रूप से जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, पुलिस अधिक्षक कांतेश कुमार मिश्रा, उप विकाश आयुक्त अंशुल कुमार तथा डीएफओ तेजस जायसवाल मौजूद थे। 


जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। संपूर्ण मानव का अस्तित्व पृथ्वी व पर्यावरण पर निर्भर करता है।

SP कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि आज पर्यावरण दूषित होने से लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। वर्तमान समय में जिस तरह से हरे-भरे वृक्षों की कटाई हो रही है। काटे गए वृक्षों की तुलना में अधिक नए वृक्ष नहीं लगाए गए तो पृथ्वी वृक्ष विहीन हो जाएगी। इस प्राकृतिक वातावरण को बचाए रखने के लिए वृक्षारोपण अवश्य करना चाहिए। अगर समय रहते ही प्राकृतिक को नहीं बचाया गया, तो आने वाले दिनों में पृथ्वी पर निवास करने वालो को जल एवं वायु संकट से जूझना पड़ेगा। अतः प्राकृतिक को बचाने हेतु आम लोगों को प्राकृतिक की रक्षा करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।


DFO तेजस जायसवाल ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने जो ऐतिहासिक धरोहर हमें जंगल के रूप में दिए हैं। उसकी सुरक्षा हमें करनी चाहिए। वृक्षों की घटती संख्या के कारण अब मानव जीवन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अगर, हमें स्वस्थ्य जीवन जीना है, तो प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षारोपण करना होगा। वर्तमान दौर में पर्यावरण असंतुलन की सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वॉर्मिंग है तथा जिसक‍ी वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और मानव जीवन के कदम विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में अगर हमने पर्यावरण को बचाने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया तो वह दिन दूर नहीं, जब हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।

श्री जायसवाल ने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति व नए आविष्कारों की स्पर्धा के कारण आज मानव प्रकृति पर पूर्णतया विजय प्राप्त करना चाहता है। इसी का नतीजा है कि प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण, शहरीकरण आदि पर्यावरण संकट की वजह बन रहा है।

इसी सिलसिले में इस वर्ष औरंगाबाद जिले में वर्षा काल में कुल मिला कर 576577 पौधे मिशन 5 करोड़ के अंतर्गत लगाए गए हैं। इस में औरंगाबाद वन प्रमंडल द्वारा 109223 पौधे वन भूमि पर लगाए गए हैं तथा 35000 पौधे नहर और रोड किनारे लगाए गए है। साथ ही अन्य सरकारी विभागों, किसानों, आम जनों एवं जीविका दीदी द्वारा 4 लाख अतिरिक्त पौधे लगाए गए हैं।

इस वर्ष विशेष उपलब्धि रही कि कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच में भी वन विभाग के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों, सीआरपीएफ, एसएससी, निजी एनजीओ, एनपीजीसीएल, बीआरबीसीएल, पीएनबी तथा युवाओं द्वारा वृक्षारोपण में बढ़ चढ़ कर भाग लिया गया। जीविका दीदीयों को विशेष तौर पर फलदार प्रजाति के पौधे वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए। किसानों के बीच वन विभाग की कृषि वानिकी योजना काफी लोकप्रिय रही जिसमें किसानों को पौधारोपण के साथ साथ आय का साधन भी प्राप्त हुआ।

इसके अतिरिक्त चलन्त पौधा बिक्री वाहन तथा वन विभाग के पौधा बिक्री काउंटर पर रियायती दर पर पौधा खरीदने वालों की भीड़ लगी रही। 9 अगस्त को पृथ्वी दिवस पर जिले के विभिन्न स्थलों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम सब की जिम्मेवारी की जागरूकता को लेकर कार्यक्रम किया गया।

इस दौरान मौके पर कार्यपालक पदाधिकारी, औरंगाबाद नगर परिषद , वनो के क्षेत्र पदाधिकारी, औरंगाबाद वन प्रक्षेत्र , वनपाल कचनपुर तथा वनपाल औरंगाबाद उपस्थित थे।

इसके अलावा आज जिले के विभिन्न विद्यालयों में बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन विभाग के वनरक्षियों ने भी विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए 11 सूत्री संकल्प का शपथ दिलाया।

Source: Emaa Times

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