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सिटीजन रिपोर्टर
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सोशल मीडिया और सियासी गलियारियों में बख़्तियारपुर (Bakhtiyarpur) का नाम बदलने की मांग सालों से उठ रही है। इसी मुद्दे को हवा देते हुए BJP के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा था कि जैसे इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया, उसी तरह से बख्तियारपुर का नाम बदलकर नीतीश नगर किया जाना चाहिए।
सोमवार को पटना में जनता दरबार में मीडियाकर्मियों ने नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से बख्तियारपुर का नाम बदलने (Bakhtiyarpur name change) को लेकर सवाल किया था। इस सवाल को सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए। इसे लेकर उन्होंने कहा, क्या बात करते हो, नाम काहे बदलेगा, मेरे जन्म स्थान का नाम बख्तियारपुर है, उसका नाम क्यों बदलेगा। लोग बख्तियारपुर के बारे में बिना मतलब की बात करते हैं। ये सब फालतू बात है।
इसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरा जन्मस्थान बख्तियारपुर है। उन्होंने कहा बख्तियारपुर के नाम पर फालतू की बातें होती हैं। आपको पता है कि जब ऑल इंडिया कानून बन रहा था तो पार्लियामेंट मेंबर ने क्या कहा? जिस नालंदा यूनिवर्सिटी को नष्ट किया गया उसने यहीं पर कैंप लगाया था और वहीं से नालंदा गया था। अब उसी बख्तियारपुर में जन्मा एक व्यक्ति है जो नए सिरे से नालंदा विश्वविद्यालय बनवा रहा है। ऐसे में बख्तियारपुर का नाम बदलने की बात फालतू है।
बख्तियारपुर के स्थानीय लोगों का भी कहना है कि जिस बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया था उसके नाम पर बख्तियारपुर स्टेशन का नाम रखना, तकलीफ भरा है। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय इनसे बिल्कुल अलग है। वह नाम बदलने के कतई पक्ष में नहीं हैं।
दरअसल, बिहार के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों बख्तियारपुर स्टेशन का नाम बदलने की चर्चा खूब हो रही है। दो साल पहले भी भाजपा के सांसद गोपाल नारायण सिंह ने राज्यसभा में बख्तियारपुर स्टेशन का नाम बदलने की मांग उठाई थी।
Source: Aurangabad Now