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सिटीजन रिपोर्टर
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औरंगाबाद जिले में सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। कुछ चुनिंदा नेशनल हाइवेज और स्टेट हाईवेज को लिस्ट से बाहर कर दें तो जिले में सड़कों के विकास की पोल-पट्टी खुल जाती है चाहे वो मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड (MDR) हो या ग्रामीण सड़क।
हमारा मानना है कि किसी भी क्षेत्र का विकास वहां से गुजर रहे सड़कों की स्थिति पर निर्भर करता है और इसी वजह से औरंगाबाद नाउ हमेशा जर्जर सड़कों और सड़कों के अभाव जैसे मुद्दों को प्रमुखता से प्रकाशित करता है।
आज हम आपको औरंगाबाद जिले की एक ऐसी ही सड़क से रूबरू करवाएंगे जिसमें आप ये खोज नहीं पाएंगे कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है। ये सड़क कोई आम सड़क नहीं है बल्कि किसी जमाने में यह दिल्ली जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) का हिस्सा हुआ करती थी। जी हाँ, आप सही सोच रहे हैैं, हम बात कर रहे हैं औरंगाबाद-जोगिया पुरानी GT रोड वाली सड़क की जो आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।
बारिश के बाद इस सड़क के बड़े-बड़े गड्ढों में पानी जमा हो जाता है जिससे ये तालाब की शक्ल ले लेते हैं। इन तालाबों से होकर गुजरना दुर्घटना को निमंत्रण ही देना कहा जा सकता है। हालत इतनी खराब है कि अगर आप गूगल अर्थ से भी इस सड़क को देखेंगे तो उसमें भी आपको ये गड्ढे दिखाई देंगे। आपको बता दें कि प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार ये सड़क कईं गांवों में जाने का एकमात्र रास्ता है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस सड़क के किनारे 4 बड़े शैक्षणिक संस्थान अवस्थित है- केंद्रीय विद्यालय बभंडी, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Government ITI College), हाई स्कूल बभंडी, और मध्य विद्यालय बभंडी। इन स्कूलों और कॉलेजों में आने वाले छात्र किस स्थिति में यहाँ पहुंचते हैं आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। गर्मी में दिनों में धूल और बारिश में कीचड़ और तालाब से भरा रास्ता जिले के नाम कितना रौशन कर रहा है आप समझ सकते हैं।
सड़कों की स्थिति और आस पास की चंद तस्वीरों के साथ आपको छोड़े जाते हैं। कभी फुरसत मिले तो सोचियेगा जरूर कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी देश में सड़क जैसी बुनियादी चीजों के अभाव के साथ हम दुनियां में कहां खड़े है।
Source: Aurangabad Now