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ATM फ्रॉड का अड्डा बन गया है महाराजगंज रोड? कार्ड बदल शातिर चोर कर दे रहें हैं अकाउंट खाली

आपकी जिंदगी भर की मेहनत से कमाए हुए रुपयों पर शातिर साइबर चोरों की काली दृष्टि है। अगर आप भी जिले में ATM से पैसे निकालते हैं तो सतर्क हो जाइए। क्या है पूरा मामला नीचे पढिये

Aurangabad Now Desk

Aurangabad Now Desk

औरंगाबाद, Feb 28, 2022 (अपडेटेड Feb 28, 2022 6:15 PM बजे)

स्टोरी हाइलाइट्स

औरंगाबाद शहर में बढ़ रहीं हैं ATM ठगी की घटनाएं

सिर्फ 1 महीने में ही शहर में आये हैं साइबर फ्रॉड के 4 बड़े मामले

जिले में बढ़ रही साइबर क्राइम के मुद्दे पर पढिये हमारा विशेष रिपोर्ट

औरंगाबाद का महाराजगंज रोड ATM चोरों का हॉटस्पॉट बनते चला जा रहा है। शहर के इस इलाके से लगातार ATM फ्रॉड की खबरें सामने आ रही हैं। आपको बता दें कि महराजगंज रोड में लगभग सभी बैंकों का ATM है जिनकी संख्या अब 10 से अधिक है।

ये शातिर साइबर अपराधी इतने चालाक हैं कि कब ये आपके ATM को बदल कर आपके एकाउंट को खाली कर देंगे आपको पता भी नहीं चलेगा। आप यह जान कर भौचक्के रह जाएंगे कि सिर्फ 1 महीने में ही इन शातिर चोरों ने अलग अलग मामले में 1 लाख 85 हजार रुपये से अधिक की ठगी कर ली है।(ये सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स के आंकड़े हैं)

आपकी हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं ये शातिर चोर, महिलाओं और बुजुर्गों को बनाते हैं निशाना

शहर के अधिकतर एटीएम इन ठगों की गिरफ्त में है। उन्हें जब भी मौका मिलता है वे किसी न किसी को अपने जाल में फंसा ही लेते हैं। उनके टारगेट ज़ोन में अधिकतर महिलाएं या वरिष्ठ नागरिक होते हैं।

शनिवार को भी औरंगाबाद के महराजगंज रोड इलाके में ATM ठगी का एक ऐसा ही मामला सामने आया। शहर के सिन्हा कॉलेज मोड़ निवासी बिनोद कुमार अपनी पत्नी बच्चों एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सदर थाना पहुंचे और अपने साथ घटित हुई ठगी की कहानी सुनाई।

श्री कुमार ने बताया कि वह शहर के महाराजगंज रोड स्थित एक एटीएम से पैसे निकाल रहे थे और उस दौरान उनका कार्ड फंस गया था। तभी एटीएम कक्ष में एक दूसरे युवक ने प्रवेश किया और उसने झांसे में लेकर उनका एटीएम कार्ड बदल लिया और दूसरा एटीएम थमा कर फरार हो गया। कुछ ही मिनट में उनके मोबाइल में 90 हजार रुपये की निकासी के संदेश मिलने लगे और सभी संदेश ऑनलाइन निकासी के प्राप्त हुए।

श्री कुमार ने बताया कि इसकी शिकायत को लेकर वो संबंधित बैंक भी गए लेकिन दूसरा शनिवार होने के कारण बैंक बन्द था और कोई कार्रवाई नही हो सकी। उन्होंने पुलिस से इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई की मांग की है।

एक महीने में साइबर क्राइम का यह चौथा मामला, जिले में अब तक नहीं खुल पाया है साइबर थाना

महज़ 1 महीने के अंदर अबतक सिर्फ शहर में साइबर क्राइम के 4 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। (ये आंकड़ा मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, वास्तविकता आंकड़ा और अधिक हो सकता है) ATM Swapping और अलग अलग हथकंडों के जरिये ये साइबर ठग चोरी को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस सिर्फ हाथ मलते हुए मूकदर्शक बनी रह जा रही है।

आपको यह जानकर निराशा होगी कि अब तक जिले में इन साइबर अपराधियों के लिए कोई डेडिकेटेड Cyber थाना की स्थापना नहीं की गई है।

1 महीने में कब-कब हुए हैं साइबर अपराध?

  • 4 फरवरी को एक महिला सायबर अपराधी ने किसान क्रेडिट लोन देने के नाम पर सतेंद्र नगर निवासी एक महिला को लगाई 49 हजार रुपये की चपत
  • 6 फरवरी 2022 को महराजगंज रोड में एक वृद्ध को झांसे में लेकर ठग ने उनका एटीएम किया गायब, आदित्य विजन दुकान में ख़रीदा चोरी के ATM से 46 हजार का टीवी (हालांकि चोर की कार को जप्त कर लिया गया था)
  • 22 फरवरी को औरंगाबाद शाहपुर अखाड़ा निवासी अशोक कुमार यादव धनी एप के एक कर्मी के द्वारा साइबर ठगी का शिकार हो गए और धनी ऐप के कर्मी ने उन्हें चूना लगाते हुए उनके खाते से ₹29576 की निकासी कर ली।
  • 27 फरवरी को महराजगंज रोड में शहर के सिन्हा कॉलेज मोड़ निवासी बिनोद कुमार का ATM बदल कर अपराधियों ने 90 हजार रुपये की ठगी कर ली।
  • शहर से बाहर की बात करें तो 22 फरवरी को औरंगाबाद जिले के रफीगंज शहर के न्यू एरिया निवासी अनुरुद्ध मिश्रा के एटीएम से अपराधियों ने 1 लाख 5 हजार 999 रुपये उड़ा लिये।

इसके अलावा नकली या सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल का क्लोन आईडी बनाकर ठगी करने का मामला हर दिन सामने आ रहा है। जिले के SP कांतेश कुमार मिश्र का क्लोन बनाकर अपराधियों ने ठगी का प्रयास किया गया था (अपडेट: ठग अब पुलिस की गिरफ्त में है)। इसी तरह समाजसेवी प्रकाश चंद्रा के नाम पर नकली आईडी बनाकर पैसे मांगने का मामला भी चर्चा में रह चुका है।

जिले के ATM पर नहीं रहते हैं सुरक्षा गार्ड्स, फ़्रॉड होने पर बैंक भी नहीं लेती है जिम्मेदारी

जिले के कुछ चुनिंदा ATMs को छोड़ दें तो बाकी किसी भी ATM पर आपको सुरक्षा गार्ड दिखाई नहीं देंगे। इसका लाभ उठाकर ये साइबर अपराधी लोगों के मेहनत की कमाई को हड़प कर जाते हैं। ATM शुल्क के नाम पर सभी बैंक आपसे मोटी रक़म वसूल रहे हैं लेकिन जब फ़्रॉड होने के बाद पैसे लौटाने की बारी आती है तो ये लोग अपने हाथ खड़े कर लेते हैं। 

कुछ बैंक ऐसे हैं कि जिनका टॉल फ्री नम्बर भी जरूरत के वक्त काम नहीं करता। इस वजह से ससमय फ़्रॉड का कंप्लेन भी दर्ज नहीं हो पाती है।

अगर जिले को इन साइबर अपराधियों से मुक्त करवाना है तो बैंक को अपने सभी ATM पर CCTV फैसिलिटी के साथ गार्ड की नियुक्ति करनी पड़ेगी और पुलिस को भी अपनी गश्ती में तेजी लानी पड़ेगी। साथ ही साथ लोगों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि ATM में अनजान लोगों से मदद ना लें और ना ही अपनी बैंकिंग से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी जैसे कार्ड नम्बर, OTP आदि किसी को शेयर करें।

इस खबर के बारे में अपनी राय आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स या हमारे सोशल मीडिया पेज पर शेयर कर सकते हैं।

Source: Emaa Times

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