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सिटीजन रिपोर्टर
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औरंगाबाद जिले के देव एवं उमगा स्थित ऐतिहासिक त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर के अस्तित्व पर खतरे को देखते हुए सांसद सुशील कुमार सिंह के आग्रह पर पुरातत्त्व विभाग और इंडियन ट्रस्ट ऑफ रूरल इरियेट डेवेलपेन्ट के बिहार झारखंड के प्रभारी एसडी सिंह, सीईओ आशुतोष कुमार एवं एसआई बीपी राय ने निरीक्षण किया।
श्री सिंह ने बताया कि औरंगाबाद के सांसद के पत्राचार के आलोक में देव सूर्य मंदिर और उमंगा मंदिर का अवलोकन कर अध्ययन किया।हमारी संस्था विरासत संरक्षण और संवर्धन पर कार्य करती है। देव सूर्य मंदिर में काफी संभावना है, जिसे पुरातत्त्व विभाग के दृष्टि से मंदिर अस्तित्व की रक्षा के आधार पर कार्य किया जायेगा।
मंदिर के कई पत्थर लगातार खिसक और टूट रहे हैं। 2014 में सूर्य मंदिर के पूर्वी एवं दक्षिणी भाग का पत्थर टूट कर नीचे गिरा था। वर्ष 2016 में भी सूर्य मंदिर पर वज्रपात हुआ था। मई में भी देव सूर्य मंदिर का एक उत्कृष्ट पत्थर टूट गया था जिसकी ख़बर हमने विस्तार से 22 मई को औरंगाबाद नाउ पर प्रकाशित किया था। ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर का पत्थर फिर से टूटा! मंदिर का संरक्षण करने में लापरवाह न्यास समिति सवालों के घेरे में
मंदिर के गर्भगृह के मुख्य द्वार पर उभरे दरार से सूर्य मंदिर का अस्तित्व संकट में था, जिसे औरंगाबाद के सांसद ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिख कर संरक्षण सम्वर्द्धन का आग्रह किया था। इसके आधार पर विभाग ने निरीक्षण का जिम्मा दिया था।
देव और उमंगा के मंदिर का निरीक्षण कर करणीय कार्य से अवगत कराया था। ज्ञात हो कि देव सूर्य मंदिर सूर्य आराधना के लिए पूरे देश में विख्यात है। यहां ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश रुपी एकादश सूर्य हैं। यह मंदिर काफी पौराणिक है। कार्तिक एवं चैत मास में यहां छठ व्रत करने देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। आद्रा के समय मेला लगता है। इसके अलावा हर रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है। ऐसे हर दिन मंदिर में पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।
वहीं उमगा पहाड़ स्थित सूर्य मंदिर सहित दर्जनों मंदिर है जिन्हें सुरक्षित एवम संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा।
Source: Liveindianews 18